Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनावों के दौरान जाति, समुदाय, भाषा और धर्म या सांप्रदायिक आधार पर प्रचार करने के लिए देश के प्रमुख राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों की खिंचाई करते हुए उन्हें धार्मिक, समुदाय, भाषा और जाति के आधार पर प्रचार करने से परहेज करने को कहा। इस बात पर जोर दिया कि भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को चोट नहीं पहुंचना चाहिए। आयोग ने दोनों राष्ट्रीय दलों से कहा कि “धार्मिक या सांप्रदायिक आधार पर कोई बयानबाजी” नहीं होनी चाहिए।
पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने बुधवार (22 मई) को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने से बचने की नसीहत दी। इलेक्शन कमिशन ने कहा कि चुनावों के दौरान भारत के सामाजिक व सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं जा सकती।
नड्डा से क्या कहा?
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विभाजनकारी भाषण को लेकर विपक्ष के आरोप पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी करने के करीब एक महीने बाद आयोग ने उनके बचाव को खारिज कर दिया। साथ ही उन्हें (नड्डा) तथा उनकी पार्टी के स्टार प्रचारकों को धार्मिक एवं सांप्रदायिक आधार पर प्रचार नहीं करने को कहा।
आयोग ने बीजेपी से समाज को बांटने वाले चुनावी भाषणों को बंद करने को भी कहा। नड्डा के साथ ही निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी ऐसा ही नोटिस जारी किया था। खड़गे से उनके और मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी द्वारा उनकी टिप्पणियों के संबंध में दायर शिकायतों पर जवाब देने के लिए कहा था।
कांग्रेस को भी लताड़ा
आयोग ने उनके बचाव को भी खारिज कर दिया और कांग्रेस से सुरक्षा बलों का राजनीतिकरण नहीं करने और सशस्त्र बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान नहीं देने को कहा। आयोग ने कांग्रेस से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि उसके स्टार प्रचारक और उम्मीदवार ऐसे बयान न दें जिससे यह गलत धारणा बने कि संविधान को समाप्त किया जा सकता है।
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निर्वाचन आयोग ने दोनों राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों से कहा कि वे अपने स्टार प्रचारकों को औपचारिक सलाह जारी करें। ताकि वे अपने संवाद को सही कर सकें, सावधानी बरतें और शिष्टाचार बनाए रख सकें। चुनाव आयोग ने भगवा पार्टी के प्रचारकों से कहा कि वे ऐसा कोई भी बयान देने से बचें जो जातियों और समुदायों के बीच नफरत या तनाव पैदा करता हो।