FY24 में Paytm होती शुद्ध मुनाफे में, अगर एंप्लॉयीज को नहीं दिए होते स्टॉक ऑप्शंस

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Paytm News: फिनटेक कंपनी पेटीएम को पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 1423 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। हालांकि अगर कंपनी ने शेयर-बेस्ड पेमेंट एक्सपेंसेज नहीं किया होता तो इसे नेट प्रॉफिट हासिल हुआ होता। कंपनी के जारी आंकड़ों के मुताबिक एंप्लॉयी कॉस्ट ऑप्शन पॉलिसी (ESOP) के तहत इसका खर्च वित्त वर्ष 2024 में 1466 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अब इसकी तुलना 1423 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे से कर सकते हैं। उसके पिछले वित्त वर्ष 2023 की बात करें तो इसका ESOP कॉस्ट 1456 करोड़ रुपये था जबकि नेट लॉस 1777 करोड़ रुपये रहा।

टॉप लेवल पर 78% खर्च

वित्त वर्ष 2024 में ESOP पर पेटीएम के 1466 करोड़ रुपये खर्च हुए। पेटीएम ने बुधवार 22 मई को एक्सचेंज फाइलिंग में खुलासा किया था कि ESOP पर इसका खर्च वित्त वर्ष 2025 में 1174 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2026 में 558 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2027 में 225 करोड़ रुपये रह सकता है। हालांकि इन आंकड़ों में यह मानकर चला गया है कि सभी जारी हो चुके ESOP इसमें निहित हैं और आने वाले वर्षों में कोई नया ESOP नहीं जारी किया जाएगा। खास बात ये है कि डायरेक्टर्स, अहम मैनेजेरियल पर्सनल और उनके संबंधियों पर ESOP पर 1138 करोड़ रुपये खर्च हुए जो वित्त वर्ष 2024 में शेयर-बेस्ड पेमेंट एक्सपेंसेज का 78 फीसदी है। यह अहम खुलासा फिनटेक कंपनी के रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन फाइलिंग्स से हुआ है। इसमें पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मधुर देवरा भी शामिल हैं।

ESOP का असर दिखता है कई वर्षों तक

आईपीओ से ठीक पहले ESOP ग्रांट के चलते पेटीएम, जोमैटो और डेल्हीवरी जैसी नए दौर की कंपनियों को पिछले कुछ वर्षों में काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसकी वजह ये है कि क्योंकि इसी के चलते इन कंपनियों के मुनाफे को झटका लगा। ESOP आमतौर पर 4-5 वर्षों के लिए होता है तो कंपनी की वित्तीय सेहत पर इसका कुछ वर्षों तक असर दिखता है।

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