Pune Porsche Crash: पुणे की एक अदालत ने पोर्श दुर्घटना मामले में 17 वर्षीय आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत छह लोगों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई तड़के कथित तौर पर पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था। हादसे में दोनों इंजीनियरों की मौत हो गई। पुलिस ने दावा किया है कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था। नाबालिग एक बड़े रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है और उसके पिता को उसे बचाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
इस केस में नई डिटेल्स सामने आने के बाद मामला किसी फिल्म की कहानी जैसा मोड़ लेने लगा है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने 24 मई को कहा था कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि 19 मई को दुर्घटना के समय नाबालिग कार नहीं चला रहा था बल्कि कोई वयस्क व्यक्ति यानि कि ड्राइवर कार चला रहा था।
आरोप अपने सिर लेने के लिए ड्राइवर को अच्छे इनाम का लालच
जिस ड्राइवर के बारे में दावा किया गया था कि वह इस घातक दुर्घटना में गाड़ी चला रहा था, उसने अब आरोप लगाया है कि नाबालिग के पिता ने उसे दोष अपने सिर लेने और दुर्घटना के समय ड्राइवर होने की बात स्वीकार करने के लिए मजबूर किया था। सूत्रों ने News18 को बताया कि ड्राइवर के अनुसार, अगर उसने गाड़ी चलाने की बात कबूल कर ली तो लड़के के पिता ने उसे “अच्छा इनाम” देने का वादा किया था।
ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसे नाबालिग के पिता, रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का लगभग 2:30 बजे फोन आया था। ड्राइवर ने यह भी कहा कि घटना के दिन उसने कार चलाने पर जोर दिया था, लेकिन किशोर के पिता ने अपने बेटे को कार चलाने की इजाजत दी थी। इस बीच, 17 वर्षीय के पिता विशाल अग्रवाल ने दावा किया है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। प्राथमिकी के मुताबिक, यह जानने के बावजूद कि बेटे के पास कार चलाने के लिए वैध लाइसेंस नहीं है, विशाल अग्रवाल ने उसे कार दे दी।
पुलिस स्टेशन में पिज्जा पार्टी के बारे में कोई तथ्य नहीं
कुमार ने कहा कि पुलिस स्टेशन में पिज्जा पार्टी के बारे में कोई तथ्य नहीं है। बता दें कि विपक्षी दल ने इस केस में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए हादसे को दबाने का आरोप लगाया था। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने आरोप लगाया कि आरोपी नाबालिग को पुलिस स्टेशन में “पिज्जा और बर्गर” परोसा गया और उन्होंने इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ “सख्त कार्रवाई” की मांग की। वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने भी एक्स पोस्ट में लिखा, “येरवडा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने हादसे में मरने वाले अनीश और अश्विनी के बीच संबंधों पर सवाल उठाने में अधिक समय बिताया। आरोपी को कथित तौर पर बर्गर और पिज्जा परोसा गया।”
6 आरोपियों में नाबालिग के पिता के अलावा और कौन
अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। हालांकि, अदालत ने अग्रवाल और शराब परोसने वाले दो प्रतिष्ठानों के मालिक और कर्मचारियों समेत अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। किशोर ने एक्सीडेंट से पहले इन जगहों पर कथित तौर पर शराब पी थी। अन्य आरोपियों में कोसी रेस्तरां के मालिक नमन भुटाडा और इसके मैनेजर सचिन काटकर और ब्लैक क्लब के मैनेजर संदीप संगाले और इसके कर्मचारी जयेश गावकर और नीतेश शेवानी शामिल हैं।
24 मई को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने दोषियों की पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि दुर्घटना के आरोपी नाबालिग ने उस रात कोसी रेस्तरां में 47,000 रुपये का बिल चुकाया था। पुलिस उस बैंक खाते का विवरण जानना चाहती है, जिससे भुगतान किया गया था। अभियोजक ने कहा कि पोर्श कार के रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ शुल्क का भुगतान न करने पर अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) को जोड़ा गया है।
मामले में लापरवाही के लिए दो पुलिसकर्मी सस्पेंड
पोर्श दुर्घटना मामले में येरवडा थाने के दो अधिकारियों को कथित तौर पर लापरवाही बरतने को लेकर सस्पेंड कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एडिशनल पुलिस कमिश्नर मनोज पाटिल ने बताया कि निरीक्षक राहुल जगदाले और सहायक पुलिस निरीक्षक विश्वनाथ टोडकरी को सूचना देने में देरी और कर्तव्य में लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। शहर के कल्याणी नगर इलाके में कार दुर्घटना के बाद येरवडा थाने में दुर्घटना का मामला दर्ज किया गया था।