वॉल्ट डिज्नी ने टाटा प्ले में अपनी अल्पमत हिस्सेदारी टाटा समूह को बेचने का सौदा किया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से कहा गया कि इससे डिज्नी, मुकेश अंबानी की मीडिया शाखा के साथ अपनी भारतीय इकाई के विलय पर फोकस कर सकेगी। लेनदेन में टाटा प्ले लिमिटेड की वैल्यूएशन लगभग 1 अरब डॉलर आंकी गई है। डिज्नी से 29.8% हिस्सेदारी खरीदने के बाद टाटा समूह का टाटा प्ले में पूर्ण नियंत्रण हो गया है।
भारत में इस वक्त मीडिया लैंडस्केप एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। डिज्नी (Walt Disney) ने फरवरी के अंत में अपनी भारतीय इकाई को वायाकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ कंबाइन करने के लिए एक बाइंडिंग एग्रीमेंट किया था, ताकि 8.5 अरब डॉलर की एक दिग्गज एंटरटेनमेंट कंपनी बन सके। इस एंटिटी के 75 करोड़ दर्शक होंगे।
2001 में शुरू हुई थी Tata Play
टाटा प्ले को 2001 में टाटा समूह और TFCF कॉर्प के बीच एक जॉइंट वेंचर के रूप में शुरू किया गया था। TFCF कॉर्प को पहले ट्वेंटी-फर्स्ट सेंचुरी फॉक्स के नाम से जाना जाता था। टाटा संस की वेबसाइट के अनुसार, टाटा प्ले सेट-टॉप बॉक्स के माध्यम से पे टेलीविजन और अपने ऐप के माध्यम से ओवर-द-टॉप यानि ओटीटी वीडियो स्ट्रीमिंग प्रदान करती है। पूरे भारत में इसके 2.3 करोड़ कनेक्शन हैं। टाटा प्ले ने 2022 में आईपीओ के लिए गोपनीय रूप से आवेदन किया था लेकिन इसकी शेयर बाजार में लिस्टिंग अभी तक नहीं हुई है।
इस साल की शुरुआत में टेमासेक होल्डिंग पीटीई की हिस्सेदारी खरीदने के बाद टाटा प्ले में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 70% से थोड़ी अधिक कर ली है। टाटा प्ले को पहले टाटा स्काई के नाम से जाना जाता था और टेमासेक ने पहली बार टाटा स्काई में 2007 निवेश किया था।